पूरा कचरा उपयोग हुआ तो खत्म होगा खंती का पहाड़ अयोध्या बायपास को 10 लेन करने का काम अगले महीने शुरू हो सकता है। यह परियोजना आसाराम तिराहे से रत्नागिरि तिराहे तक लगभग 16 किमी लंबी है। इसकी खासियत यह है कि सड़क निर्माण में कचरे का उपयोग किया जाएगा। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर भी इसी तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है। सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट ने शहरी कचरे के उपयोग को लेकर गाइडलाइन तैयार की है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) इसी के आधार पर कार्य कर रहा है। उसने भोपाल नगर निगम से करीब 10 लाख टन कचरा मांगा है। हालांकि, नगर निगम के अनुसार आदमपुर छावनी से 5 लाख टन से अधिक कचरा देना संभव नहीं है। प्रोजेक्ट में यह पूरा कचरा उपयोग में आ गया तो आदमपुर छावनी के कचरे के पहाड़ पूरी तरह खत्म हो जाएंगे। इसके लिए वहां की पूरी प्रोसेसिंग जरूरी है। पिछले सात साल से यहां लगभग 5 लाख टन कचरा जमा हो चुका है, लेकिन प्रोसेसिंग धीमी गति से हो रही है। गर्मियों में बार-बार यहां आग लगने की घटनाएं भी होती रहती हैं, जिससे आसपास के इलाकों में धुआं और प्रदूषण फैलता है। NHAI ने 10 लाख टन कचरा मांगा, प्रोसेसिंग तेज करेगा निगम छावनी में रोज डंप होता है 850 टन कचरा आदमपुर छावनी में रोजाना आने वाले 850 टन कचरे में से प्रोसेसिंग के बाद लगभग 10% इनर्ट वेस्ट (यानी निष्क्रिय कचरा) निकलता है। इसका उपयोग सड़क की निचली सतह में फिलिंग मटेरियल के रूप में किया जाएगा। इसके साथ ही नॉन-बायोडिग्रेडेबल कचरा जैसे प्लास्टिक का भी उपयोग किया जाएगा। प्लास्टिक कचरे से मजबूत सड़कप्लास्टिक को क्रश कर 2-4 मिमी के टुकड़ों में बदला जाता है। इन्हें गिट्टी के साथ गर्म कर बिटुमिन में मिलाया जाता है। इससे सड़क अधिक मजबूत, टिकाऊ और जलभराव-रोधी बनती है। अधिक लोड भी सह लेती है। 8 हजार पेड़ कटेंगे 32 हजार लगाएंगेइस प्रोजेक्ट में 8000 पेड़ काटे जाएंगे। इसके बदले में 32,000 पेड़ लगाए जाएंगे। अयोध्या बायपास पर 8 हजार और भेल एरिया में 24 हजार पेड़ सिटी फॉरेस्ट के रूप में लगेंगे। पौधरोपण जापान की मियावाकी पद्धति से होगा, जिससे पेड़ तेजी से बढ़ेंगे। जरूरत पड़ने पर पुराने डंप कचरे की प्रोसेसिंग करेंगे... इनर्ट वेस्ट और नॉन बायोडिग्रेडेबल वेस्ट का उपयोग सड़क निर्माण में सफल साबित हुआ है। इसका उपयोग अयोध्या बायपास पर करने की योजना है।-देवांश नुवाल, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनएचएआई एनएचएआई ने सड़क के लिए वेस्ट की मांग की है। हम उन्हें मांग के अनुसार कचरा देने की व्यवस्था कर रहे हैं। जरूरत पड़ी तो लिगेसी वेस्ट यानी पुराने डंप कचरे की प्रोसेसिंग भी करेंगे। -हरेंद्र नारायण, कमिश्नर, नगर निगम
HPSC Assistant Professor Admit Card 2025: हरियाणा असिस्टेंट प्रोफेसर की जो परीक्षाएं 11 मई को होने वाली थीं, उनकी नई एग्जाम डेट आ गई हैं। इस भर्ती के लिए अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड भी दोबारा जारी होंगे। ऐसे में अभ्यर्थी परीक्षा के लिए तैयार रहें। असिस्टेंट प्रोफेसर की परीक्षा इसी महीने होगी।
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