बताया जा रहा है कि शुक्रवार की रात दुखीबिगहा गांव से बिरजू मांझी को पहले अगवा किया गया था। इसके बाद बेरहमी से उनकी हत्या कर कोल्हना गांव में शव को फेंक दिया गया है।
वाराणसी के IIT-BHU में पीड़िता छात्रा से गैंगरेप केस में फास्ट ट्रैक कोर्ट में आज सुनवाई होगी। घटना को लेकर छात्रा की ओर से दर्ज कराए गए बयान पर जिरह में शामिल होगी। छात्रा की पेशी के दौरान दिए गए बयान पर आरोपियों के वकील जिरह करेंगे। वकील बदलने के चलते पुरानी जिरह के अलावा नए सवाल पूछे जाएंगे। तमाम आरोपों के बावजूद जज पीड़िता को वर्चुअल रूम से ही पेश कराएंगे। आरोपियों की ना-नुकुर के बावजूद कोर्ट परिसर में आने वाली छात्रा वर्चुअल ही पेश होगी और गवाही के आधार पर जिरह में सहयोग करेगी। हालांकि आरोपी उसकी फिजिकल पेशी पर अड़े हैं। आरोपियों की ओर से कोई भी स्थगन अपील पर स्वीकार नहीं होगी, इसके लिए जज पहले ही सख्त निर्देश जारी कर चुके हैं। बता दें कि चोटिल होने के कारण पीड़िता पिछली तारीख पर कोर्ट नहीं आ सकी, जिसके बाद जज ने जिरह के लिए अगली तारीख तय कर दी थी। उधर, कभी स्थगन तो कभी हाजिरी माफी में टलती जिरह के लिए आरोपियों को अंतिम अवसर मिला है। छात्रा से जिरह के बाद फिर अगली तारीख पर जल्द ही पीड़िता के दोस्त को भी गवाही के लिए बुलाया जाएगा। देश के चर्चित गैंगरेप में शामिल आईआईटी बीएचयू गैंगरेप में आज वकीलों को पीड़िता से वर्चुअल सवाल करने का अवसर होगा, वहीं तीनों आरोपियों की ओर से केस में जिरह पूरी की जाएगी। कोर्ट जिरह के तुरंत बाद अहम गवाह यानि छात्रा के दोस्त को गवाही के लिए समन भेजेगा। वहीं अभियोजन की आपत्ति स्वीकारते हुए सख्त आदेश भी पारित करते हुए IIT-BHU गैंगरेप कांड में आरोपियों की ओर से किसी भी तारीख पर स्थगन अपील पर रोक लगा दी थी। स्थगन अपील या कार्रवाई में बाधक बनने पर आरोपियों के खिलाफ विधिक कार्रवाई भी हो सकती है। बात दें कि जज कुलदीप सिंह ने पिछली सुनवाई को केस के आरोपी कुणाल पांडे की स्थगन याचिका को पटल पर तत्काल प्रभाव से खारिज कर दिया था। 9 महीने में 15 बार जिरह में तलब हो चुकी पीड़िता जिला एवं सत्र न्यायालय की फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामले की सुनवाई 18 जुलाई, 2024 से ट्रायल में लाई गई। इस सुनवाई के दौरान उसने अपना बयान 22 अगस्त तक दर्ज कराया, इसी बीच आरोपियों को जमानत मिल गई। इसके के बाद कोर्ट में उससे जिरह की कवायद शुरू हुई। 8 महीने में बयान के बाद पीड़िता को 15 बार जिरह के लिए बुलाया गया। कोर्ट उससे 8 बार जिरह के लिए बुलाई गई चुकी है। वहीं चार बार अलग-अलग कारणों से वह नहीं आ सकी। कभी आरोपियों की ओर से अपील तो कभी अगली तारीख, इन सब के बीच अब तक उसके बयान पर जिरह पूरी नहीं हो सकी। अब चोटिल होने के कारण वह पेश नहीं हो पा रही है। आरोपियों की मौजूदगी में सितंबर से जून तक कई बार तलब किया गया तो उसने वर्चुअल पेशी की गुहार लगा दी, हालांकि जज ने उसको अनुमति देते हुए Vulnerable witness साक्षी की श्रेणी में रखा है। हालांकि इसके बाद कई बार कोर्ट में तलब किया जा चुका है मगर एक बार भी उससे जिरह पूरी नहीं हो सकी और उसे बैरंग लौटना पड़ा। पहले आनंद फिर कुनाल और सक्षम की हो चुकी रिहाई वाराणसी फास्ट ट्रैक कोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद सबसे पहले आरोपी आनंद ने 11 नवंबर 2023 को जमानत याचिका हाईकोर्ट में दायर की थी, जिस पर कई बार सुनवाई हुई और तारीख बढ़ती रही। आनंद ने परिजन की बीमारी समेत कई कारण बताए, तो कोर्ट ने 2 जुलाई 2024 को जमानत स्वीकार कर ली, लेकिन कई शर्तें लगा दीं। आनंद के जमानत स्वीकार होते ही दूसरे आरोपी कुणाल ने भी 2 जुलाई 2024 को हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की। 4 जुलाई को कोर्ट ने उसकी भी जमानत स्वीकार कर ली, लेकिन जमानतदारों के वैरिफिकेशन के चलते उसकी भी रिहाई 24 अगस्त को हो सकी। इसके बाद 4 जुलाई को तीसरे आरोपी सक्षम पटेल ने जमानत अर्जी दाखिल की, जिस पर कोर्ट ने कुछ दिन बाद गैंगरेप में जमानत दे दी, लेकिन गैंगस्टर में आपत्ति दाखिल हो गई। अब गैंगस्टर के केस में सक्षम पटेल की याचिका हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 16 सितंबर को खारिज कर दी। इसके बाद उसने डबल बेंच में अपील की, जहां कोर्ट ने सभी पहलुओं को सुनकर पुलिस रिपोर्ट तलब की। पुलिस ने कोर्ट में कमजोर रिपोर्ट पेश की, जिस पर अभियोजन की बहस भी फीकी रही और मजबूत आधार नहीं होने के चलते सक्षम पटेल को जमानत मिली। सवाल उठे तो पता चला कि सक्षम पटेल के खिलाफ भाजपा नेताओं की पैरवी की बात भी सामने आई है, काशी क्षेत्र के एक मजबूत भाजपा पदाधिकारी का करीबी भी बताया गया है। IIT-BHU गैंगरेप के आरोपी BJP नेताओं से जुड़े हुए IIT-BHU में बीटेक छात्रा से गैंगरेप के 2 आरोपी कुणाल पांडेय और आनंद उर्फ अभिषेक चौहान को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अगस्त में जमानत दे दी। तीसरे आरोपी सक्षम पटेल की जमानत याचिका पर सुनवाई जारी है। जमानत के बाद आनंद नगवा कॉलोनी स्थित घर पहुंचा तो उसका स्वागत किया गया था। बृज ऐनक्लेव में कुणाल को भी परिजनों और रिश्तेदारों ने हाथों हाथ लिया था। गैंगरेप के तीनों आरोपी भाजपा IT सेल से जुड़े थे। सरकार के मंत्री-विधायक समेत बड़े नेताओं के संपर्क में थे।
न्यूजीलैंड सरकार ने हाल ही में इंटरनेशनल स्टूडेंट्स को लेकर वीजा और काम करने से जुड़े नियमों में कई बदलाव किए हैं. इन नए नियमों का मकसद जहां विदेशी छात्रों की संख्या बढ़ाना है, वहीं कुछ बदलाव ऐसे भी हैं जो खासकर भारतीय छात्रों के लिए मुश्किलें पैदा कर सकते हैं. अब अगर कोई भारतीय छात्र पढ़ाई के दौरान कोर्स या यूनिवर्सिटी बदलना चाहता है, तो उसे सिर्फ वीजा वेरिएशन की बजाय नया स्टूडेंट वीजा अप्लाई करना होगा. इससे वीजा प्रोसेस लंबा और महंगा हो सकता है, साथ ही वीजा रिजेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है.ये होंगी भारतीय स्टूडेंट्स को दिक्कतइसके अलावा कुछ कोर्स और स्कूल लेवल स्टूडेंट्स के लिए काम करने की अनुमति को लेकर अलग से स्कूल और पेरेंट की लिखित इजाजत भी अनिवार्य कर दी गई है. इससे कम उम्र के छात्रों के लिए प्रक्रिया और भी जटिल हो गई है. इतना ही नहीं, जिन छात्रों का वीजा पहले से बना हुआ है और वो नई 25 घंटे वीकली वर्क लिमिट का लाभ उठाना चाहते हैं, उन्हें भी अपना वीजा दोबारा अपडेट करवाना पड़ेगा. यानी समय, कागजी कार्यवाही और खर्च तीनों बढ़ेंगे. हालांकि न्यूज़ीलैंड ने भारतीय डिग्री होल्डर्स के लिए IQA की अनिवार्यता हटा दी है, लेकिन यह सुविधा केवल उन्हीं छात्रों के लिए फायदेमंद है जिनकी डिग्री भारत से पूरी हो चुकी है. जो छात्र अभी भारत में पढ़ाई कर रहे हैं या प्रोसेस में हैं, उन्हें अभी भी कई नियमों को ध्यान में रखना पड़ेगा.यह भी पढ़ें: पश्चिम बंगाल में शिक्षक बनने का सुनहरा मौका, अब 21 जुलाई तक करें आवेदनराहत के साथ आफत भीएक और बड़ी चिंता यह है कि वर्क ऑवर बढ़ने से कॉम्पिटिशन भी बढ़ेगा. ज्यादा स्टूडेंट्स अगर पार्ट-टाइम नौकरी करेंगे तो भारतीय छात्रों को लोकल लोगों या दूसरे देशों के स्टूडेंट्स के साथ जॉब पाने में कड़ी टक्कर मिल सकती है. कुल मिलाकर, न्यूजीलैंड के बदले नियम कुछ मायनों में राहत देने वाले ज़रूर हैं, लेकिन अगर ध्यान से देखें तो ये बदलाव वीजा प्रक्रिया को थोड़ा और पेचीदा और खर्चीला भी बना सकते हैं. ऐसे में भारतीय छात्रों को हर कदम फूंक-फूंक कर रखने की जरूरत होगी, ताकि विदेश जाकर सपनों की उड़ान कहीं उलझनों की लैंडिंग में न बदल जाए.यह भी पढ़ें: सिर्फ टिकट बुक करने से नहीं मिलेगा रूस का वीजा, बैंक बैलेंस और जवाब दोनों चाहिए पक्के!
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