तमिलनाडु को मंदिरों की भूमि भी कहा जाता है, यहां चार लाख मंदिर हैं। यहां के मंदिर स्वयं में शताब्दियों का इतिहास समेटे हुए हैं। यहां सैकड़ों ऐसे मंदिर हैं जो प्राचीन काल से तमिल संस्कृति और समाज के बहुत महत्वपूर्ण केंद्र रहे हैं। छठी शताब्दी में तमिलनाडु की धरती पर ही भक्ति आंदोलन का [...]
क्या आप पूर्व से आ रही उस जोरदार आवाज को सुन सकते हैं? चीन के 1.4 अरब लोग मिलकर हम पर हंस रहे हैं! वे अपनी किस्मत पर यकीन नहीं कर पा रहे हैं कि एआई के भारी बिजली-खपत वाले युग में ट्रम्प और उनकी पार्टी ने रणनीतिक आत्महत्या की तैयारी कर ली है। उन्होंने एक बिल पारित किया है, जो रिन्यूएबल एनर्जी पैदा करने की अमेरिका की क्षमता को कमजोर करता है। और क्यों? क्योंकि ट्रम्प उन्हें ऊर्जा के ‘लिबरल’ स्रोत के रूप में देखते हैं, फिर भले ही आज वे एआई डेटा केंद्रों से आ रही अथाह मांग को पूरा करने के लिए हमारे बिजली ग्रिड को बढ़ावा देने के सबसे तेज और सस्ते तरीके क्यों ना हों। अब तो सऊदी अरब भी पश्चिम से प्राप्त किए जाने वाले एआई डेटा केंद्रों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा पर दोगुना जोर दे रहा है और ट्रम्प का ‘बिग, ब्यूटीफुल बिल’ इससे ठीक उलट करने पर आमादा है। यह सौर और पवन ऊर्जा के साथ-साथ इलेक्ट्रिक वाहनों के टैक्स क्रेडिट को समाप्त कर देता है। यह वस्तुतः इस बात की गारंटी देता है कि आने वाले समय में चीन सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और इलेक्ट्रिक कारों-ट्रकों सहित ऑटोनोमस वाहनों का सिरमौर होगा। शुक्र है कि ट्रम्प और उनके दोस्तों ने 2036 तक उन कंपनियों के लिए बाइडेन-युग का टैक्स क्रेडिट सुरक्षित रखा, जो परमाणु रिएक्टर, पनबिजली बांध, जियोथर्मल संयंत्र और बैटरी भंडारण जैसी अन्य उत्सर्जन-मुक्त तकनीकें बनाती हैं। समस्या यह है कि अमेरिका में एक परमाणु संयंत्र बनाने में 10 साल तक का समय लग सकता है, और ट्रम्प के बिल ने बैटरी क्रेडिट में कुछ ऐसे जटिल प्रतिबंध जोड़ दिए हैं, जो प्राप्तकर्ताओं को चीन जैसी ‘प्रतिबंधित विदेशी संस्थाओं’ से संबंध रखने से रोकते हैं। ये प्रतिबंध इतने जटिल हैं कि क्रेडिट कई परियोजनाओं के लिए अनुपयोगी हो सकते हैं। संक्षेप में, यह बिल- जिसे स्वतंत्र ऊर्जा विशेषज्ञों या यहां तक कि एक भी वैज्ञानिक के साथ कांग्रेस की एक भी सुनवाई के बिना जल्दबाजी में पारित कर दिया गया है- निश्चित रूप से रिन्यूएबल एनर्जी में अरबों डॉलर के निवेश को जोखिम में डाल देगा। यह हजारों अमेरिकी श्रमिकों की नौकरियां भी खत्म कर सकता है। तो, एक झटके में यह बिल आपके एयर-कंडीशनिंग बिल को बढ़ा देगा, आपकी क्लीन एजर्नी की नौकरियों को कम कर देगा और अमेरिका के ऑटो उद्योग को कमजोर करते हुए चीन को खुश कर देगा।अमेरिका में जो एक व्यक्ति इस सबको अच्छी तरह से समझता है, वे इलॉन मस्क हैं। यह दु:खद है कि मस्क- जो नि:संदेह अमेरिका के सबसे महान मैन्युफैक्चरिंग इनोवेटर्स में से एक हैं- ने सरकारी कार्यबल में मनमानी कटौती के कारण मतदाताओं के सामने खुद को बदनाम कर लिया है। इसके चलते बहुत से लोग उस महत्वपूर्ण सत्य को नहीं समझ पाएंगे, जो मस्क अपने साथी अमेरिकियों को चीख-चीखकर बता रहे हैं कि ट्रम्प का बिल पूरी तरह से पागलपन से भरा और विनाशकारी है। यह अतीत के उद्योगों को बढ़ावा देता है और भविष्य के उद्योगों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाता है। और यह बात चीन जानता है। दूसरे शब्दों में कहें तो एआई मॉडल के लिए उत्पादित की जा सकने वाली सस्ती, क्लीन बिजली की मात्रा और किसी देश की भविष्य की आर्थिक और सैन्य ताकत के बीच इतना घनिष्ठ संबंध कभी भी नहीं रहा था। लेकिन ट्रम्प ने क्लीन एनर्जी नीति को अस्वीकार कर दिया है और अमेरिका की रिन्यूएबल एनर्जी इंडस्ट्री को घुटने टेकने के लिए कह दिया है। लेकिन चीन तो आज ऐसा नहीं कर रहा है। बहुत कम अमेरिकी यह समझ पाते हैं कि चीन इस मामले में हमसे कितना आगे जा चुका है और हर दिन और तेजी से आगे बढ़ रहा है। 2000 में चीन ने सिर्फ 1,300 टेरावॉट बिजली का उत्पादन किया था, जबकि अमेरिका ने लगभग 3,800 टेरावॉट का (एक टेरावॉट एक मिलियन मेगावॉट के बराबर होता है)। जबकि आज चीन 10,000 टेरावॉट से ज्यादा बिजली का उत्पादन कर रहा है, जबकि अमेरिका ने 2000 से अब तक अपने आंकड़े में सिर्फ 500 टेरावॉट ही जोड़े हैं। चीन की बिजली वृद्धि का ज्यादातर हिस्सा कोयले से आया था, लेकिन हाल के वर्षों में यह हाइड्रो, सोलर, विंड और बैटरी स्रोतों के विस्तार से प्रेरित हुआ है। चीन दुनिया का पहला ‘इलेक्ट्रोस्टेट’ बनने की राह पर है, जहां इसकी ऊर्जा का बड़ा हिस्सा बिजली से आ रहा है और अर्थव्यवस्था तेजी से क्लीन टेक्नोलॉजी द्वारा संचालित हो रही है। मस्क अपने साथी अमेरिकियों को चीख-चीखकर बता रहे हैं कि ट्रम्प का बिल पूरी तरह से पागलपन से भरा और विनाशकारी है। यह अतीत के उद्योगों को बढ़ावा देता है और भविष्य के उद्योगों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाता है। (द न्यूयॉर्क टाइम्स से)
Water During Epileptic Seizure: मिर्गी यानी एपिलेप्सी एक ऐसी न्यूरोलॉजिकल समस्या है, जिसमें मरीज को अचानक झटके आने लगते हैं. ये स्थिति देखने में भले ही डरावनी लगे, लेकिन इससे सही ढंग से निपटा जाए तो मरीज को सुरक्षित रखा जा सकता है. अक्सर लोग दौरा पड़ते ही घबराकर मरीज को पानी पिलाने की कोशिश करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा करना जानलेवा भी हो सकता है? न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. पवन शर्मा कहते हैं कि मिर्गी के दौरे के समय पानी पिलाना एक बहुत बड़ी भूल है, जो मरीज की जान को खतरे में डाल सकती है.ये भी पढ़े- पैरों पर बनने लगे हैं मकड़ी जैसे जाले तो हो जाएं सावधान, इस खतरनाक बीमारी का है लक्षणमिर्गी के दौरे के समय पानी क्यों नहीं पिलाना चाहिए?दौरे के दौरान गले की मांसपेशियां सुन्न हो जाती हैंजब किसी व्यक्ति को मिर्गी का दौरा पड़ता है, तो उसके गले और मुँह की मांसपेशियों पर नियंत्रण नहीं रहता. ऐसे में अगर आप उसे पानी पिलाने की कोशिश करते हैं, तो पानी सीधे श्वास नली में चला जा सकता है.बेहोशी की अवस्था में पानी देना जोखिम भरामिर्गी के दौरान मरीज़ पूरी तरह होश में नहीं होता. इस स्थिति में पानी पिलाने से वह उसे न निगल सकता है न थूक सकता है, जिससे aspiration pneumonia जैसी खतरनाक स्थिति हो सकती है.दौरे के दौरान क्या करें? व्यक्ति को ज़मीन पर लिटाएं और आसपास जगह खाली करेंसिर के नीचे कुछ नरम रखें (जैसे तकिया या रुमाल)सिर को साइड में मोड़ दें, ताकि लार बाहर निकल सकेघड़ी देखना न भूलें, दौरा 5 मिनट से ज्यादा चले तो तुरंत डॉक्टर को बुलाएंदौरे के दौरान मरीज़ को पकड़ने या झकझोरने की कोशिश न करेंपानी, दवा या खाना न दें, जब तक वह पूरी तरह होश में न आ जाएक्या नहीं करना चाहिए?मुंह में चम्मच, उंगली या कोई वस्तु न डालेंमरीज को उठाकर जबरन खड़ा करने की कोशिश न करेंभीड़ न लगाएं, उसे खुली हवा और शांति देंदौरे के तुरंत बाद सवाल-जवाब न करेंमिर्गी का दौरा आने पर मरीज़ को संभालना जितना जरूरी है, उतना ही ज़रूरी है सही जानकारी होना. पानी पिलाना मदद नहीं, नुकसान बन सकता है. सही प्राथमिक उपचार से मरीज की हालत को सुरक्षित रखा जा सकता है. इसलिए अगर आपके आसपास किसी को मिर्गी का दौरा पड़े, तो घबराएं नहीं, सही कदम उठाएं और गलतियों से बचें.ये भी पढ़ें: फैटी लिवर... एक साइलेंट किलर, सिरोसिस से लेकर कैंसर तक का खतरा; जानें कब हो जाएं सतर्कDisclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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