Tranding

इटारसी के 2 युवक नर्मदा में डूबे, तलाश जारी

नर्मदापुरम| गर्मी से राहत पाने नर्मदा नदी में लोग स्नान करने पहुंच रहे हैं। रविवार को इटारसी से स्नान करने आए दो युवक विवेकानंद घाट पर डूब गए। पुलिस और होमगार्ड की टीम रात तक तलाश करती रही। दोनों युवकों का पता नहीं चला। टीआई सौरभ पांडे ने बताया इटारसी से दिलखुश, यश और कृष्णा ठाकुर नर्मदा स्नान के लिए विवेकानंद घाट आए थे। िनवासी दिलखुश पिता नरेश ठाकुर (20) और यश मेहरा (17) गहरे पानी मंे जाने से डूब गए। घटना रविवार शाम 6.30 बजे की बताई जा रही है। होमगार्ड और पुलिस टीम सर्चिंग कर रही है। घाट पर लगी है चेन विवेकानंद घाट पर गहरा पानी है। यहां पर स्नान करने वालों की सुरक्षा के लिए चेन लगाई गई है। ताकि स्नान करने वाले लोग गहरे पानी में न उतरें और दूर तक नहीं जाए। लेकिन अधिकांश लोग गहरे पानी में उतर जाते हैं।

रसरंग में ट्रेवल:मानसून में पूरे बहार पर होती है फूलों की घाटी

उत्तराखंड की फूलों की घाटी यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व धरोहर स्थल है। आमतौर पर पहाड़ों में बरसात के दौरान सभी गतिविधियां धीमी हो जाती हैं, लेकिन फूलों की घाटी एक मानसून ट्रेक है। बारिश के दौरान ही फूल खिलते हैं। फूलों की घाटी ट्रेक का आधार शिविर घांघरिया है, जो हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे के भी पास है। इसलिए इन दोनों स्थानों को एक ही यात्रा के दौरान देखा जा सकता है।फूलों की घाटी ट्रेक शुरू करने के लिए सबसे नजदीकी सड़क मार्ग जोशीमठ या गोविंदघाट है। जोशीमठ बड़ा कस्बा है और वहां होटल भी काफी मिल जाते हैं। इसलिए वहीं रुकना और विश्राम करना बेहतर होता है। जोशीमठ हरिद्वार से लंबी बस यात्रा के जरिए पहुंचा जा सकता है। जीप या प्राइवेट टैक्सी की सुविधा भी उपलब्ध है। जोशीमठ से गोविंदघाट करीब 50 किमी दूर स्थित है। आप सुबह जल्दी निकल सकते हैं और गोविंदघाट में नाश्ता कर सकते हैं। यहीं से घांघरिया के लिए ट्रेक शुरू होता है। इस ट्रेक के लिए एक स्थानीय गाइड रखना बेहतर रहेगा। गोविंदघाट से घांघरिया:गोविंदघाट से घांघरिया की दूरी लगभग 13 किलोमीटर है। घांघरिया समुद्र तल से करीब 10,000 फीट की ऊंचाई पर है। अच्छी बात यह है कि इस रास्ते पर आपको अनेक श्रद्धालु पैदल चलते हुए मिल जाएंगे। चढ़ाई बहुत खड़ी नहीं है और रास्ते में कई ढाबे भी हैं, जहां खाना और चाय मिलती है। लेकिन रास्ता चाहे जितना भी आसान लगे, एक दिन में 13 से 14 किलोमीटर पैदल चलना मेहनत का काम है। यह रास्ता अधिकतर लक्ष्मण गंगा नदी के किनारे से होकर गुजरता है। नदी के साथ-साथ चलना एक शानदार अनुभव होता है। घांघरिया पहुंचने के बाद वहां सभी श्रेणियों के लॉज मिल जाते हैं। गुरुद्वारे में निशुल्क ठहरने और लंगर खाने की भी व्यवस्था है। यदि आप किसी लॉज में रुकते हैं और स्थानीय भोजन खाना चाहते हैं, तो बनाकर देने का भी प्रबंध होता है। एक अच्छी नींद के बाद अगली सुबह फूलों की घाटी के लिए पैदल चलना होता है। घांघरिया से फूलों की घाटी:फूलों की घाटी करीब 12,654 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। लॉज में नाश्ता करने के बाद ट्रेक शुरू होता है। लॉज से वन विभाग के द्वार तक की दूरी 3 किलोमीटर है। इस रास्ते में भी फूल ही फूल देखने को मिल जाएंगे। यहां का प्रसिद्ध नीला पोस्ता (ब्लू पॉपी) तो कई बार घाटी में प्रवेश करने से पहले ही दिखाई दे जाता है। वन द्वार पर रजिस्ट्रेशन करवाना होता है। कुछ निर्धारित शुल्क भी देना होता है। इसके बाद आगे बढ़ सकते हैं। घाटी के भीतर चूंकि कुछ भी उपलब्ध नहीं होता है, इसलिए साथ में लंच ले जाना बेहतर रहेगा। फूलों से भरा जंगल: घाटी में जाने का सबसे अच्छा समय मानसून ही होता है। इस समय घाटी हरियाली से भर जाती है। भीतर पुष्पावती नदी बहती है। बारिश के दौरान कई प्राकृतिक झरने भी बनते हैं, जो इस जगह की सुंदरता को और बढ़ा देते हैं। हालांकि एक सावधानी रखनी चाहिए कि फूलों की घाटी कोई बगीचा नहीं है। यह एक जंगली इलाका है। यदि आप सजे-संवरे बाग की उम्मीद करते हैं, तो निराश होंगे। नीला पोस्ता और ब्रह्मकमल यहां के सबसे चर्चित फूल हैं, लेकिन इनके अलावा भी कई तरह के सुंदर फूल खिले होते हैं। एक अच्छा गाइड अधिकतर फूलों के नाम बता सकता है। घाटी बहुत बड़ी है और यह ध्यान रखना जरूरी है कि जितना चल कर अंदर गहेमकुंड साहिब की यात्रा ए हैं, उतना ही आपको पैदल चलकर वापस भी आना है। इसलिए सुबह जल्दी निकलें और दोपहर बाद वापसी शुरू कर दें। रात का विश्राम फिर से घांघरिया में होता है। हेमकुंड साहिब (जिसे स्थानीय लोग हेमकुंट भी कहते हैं) एक झील और गुरुद्वारा है, जो सिखों के लिए पूजनीय है। कई सिख इस तीर्थ मार्ग पर पदयात्रा करते हैं। वृद्ध और बच्चों को यदि पैदल चलने में दिक्कत हो तो यहां टट्टू या पालकी भी मिल जाती है। हेमकुंड साहिब 14,100 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। पूरे ट्रेक में यह सबसे कठिन चढ़ाई वाला हिस्सा है। लेकिन ऊंचाई पर स्थित झील का दृश्य बेहद मनोहारी होता है। गुरुद्वारे में दर्शन कर सकते हैं और लंगर में प्रसाद भी चख सकते हैं। झील के पास भगवान लक्ष्मण को समर्पित एक छोटा मंदिर भी है। अगले दिन घांघरिया वापस पहुंचकर गोविंदघाट तक फिर से पैदल लौटना होता है, जहां से जीप लेकर जोशीमठ वापसी की जा सकती है।

OnePlus Pad Lite : जल्द होगा लॉन्च, डिज़ाइन और स्पेसिफिकेशन लीक

Comments (Please Share your views)

Follow Us

Indian News 20 द्वारा इस दिन पोस्ट की गई रविवार, 13 दिसंबर 2020
Indian News 20 द्वारा इस दिन पोस्ट की गई रविवार, 13 दिसंबर 2020
Indian News 20 द्वारा इस दिन पोस्ट की गई रविवार, 13 दिसंबर 2020
Indian News 20 द्वारा इस दिन पोस्ट की गई रविवार, 13 दिसंबर 2020

Tranding News

Advertisement

Indian News 20 द्वारा इस दिन पोस्ट की गई रविवार, 13
Indian News 20 द्वारा इस दिन पोस्ट की गई रविवार, 13 दिसंबर 2020
Indian News 20 द्वारा इस दिन पोस्ट की गई रविवार, 13 दिसंबर 2020

Advertisement

Indian News 20 द्वारा इस दिन पोस्ट की गई रविवार, 13
Indian News 20 द्वारा इस दिन पोस्ट की गई रविवार, 13 दिसंबर 2020
Indian News 20 द्वारा इस दिन पोस्ट की गई रविवार, 13 दिसंबर 2020
Get In Touch

Ashok nager, Delhi, India

909 505 9818

info@www.indiannews20.store

Follow Us
Flickr Photos
Australia Spinner Nathan Lyon said want to win Test Series in India before Retirement
Vivo X200 FE भारत में जल्द होगा लॉन्च, कलर ऑप्शन और स्पेसिफिकेशन की हुई पुष्टि
Gold-Silver Jewellery Theft: सूने मकान में घुसे चोर, सोने-चांदी के जेवरात व नकदी पर किया हाथ साफ
CNG सेगमेंट का किंग बना Mahindra Bolero Max! जानें क्यों ये बना बेस्ट कमर्शियल चॉइस
अपोलो हॉस्पिटल्स के शेयर में इस एक खबर ने बढ़ाई हलचल, 4% की उछाल
10 लाख रुपये वसूल कर गंदा वीडियो किया वायरल, महिला पर संबंध बनाने का भी दबाव; बिहार में ब्लैकमेलर ने किया कांड
प्रतापगढ़ में NDPS एक्ट के तहत जब्त वाहनों की नीलामी:8 और 9 जुलाई को छोटीसादड़ी और प्रतापगढ़ थाने में होगी खुली बोली, एसपी ने दिए निर्देश
AE Jobs 2025: असिस्टेंट इंजीनियर बनने का शानदार मौका, ऐसे कर सकते हैं फटाफट अप्लाई
टीवी इंडस्ट्री में बदल रही महिलाओं की स्थिति सराहनीय: नायरा बनर्जी

© India News 20. All Rights Reserved. Design by PPC Service